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कौन सा काम महत्वपूर्ण है, कौन सा काम अनिवार्य है, कौन सा काम सामान्य है

अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह

Adolf Hitler का अपने राष्ट्र के प्रति समर्पण

हिटलर के शासनकाल का जर्मनी कुछ और था, और उससे पहले कुछ और रूप लिए हुए था, और अब जो कुछ है, वह उससे अलग हैं, तथा आने वाले समय में इससे भिन्न होगा। परिवर्तन प्रकृति का नियम है, जर्मनी कई बार टूटा और फिर संगठित हुआ है, उसके टूटने और जुड़ने का क्रम चलता रहा है, पर वह एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अब भी जीवित हैं। समय और इतिहास स्थिर नहीं है, जो एक क्षण पहले था, वह अब नहीं है, और अगले क्षण कुछ और ही होगा। हिटलर की बदनामी के तीन मुख्य कारण थे : 1. फासिस्टवादी विचारधारा  2. जातियतावाद और  3. युद्ध की मानसिकता यही वो तीन कारण जो उसे विश्व मानवता का शत्रु मानते थे। क्या वास्तव में हिटलर मानवता का शत्रु था ...  उसका अपनी मातृभूमि के प्रति अपार श्रद्धा और असीम गौरव का नाम ही सच्चा राष्ट्रवाद है, यदि राष्ट्रीय भावना जीवित है तो अंतरराष्ट्रीयवाद भी जीवित हैं, अपने देश से प्रेम और उसके प्रति निष्ठा देशवासी होने का स्वाभिमान, और देश के लिए बलिदान की भावना तथा राष्ट्र के लिए सर्वस्व निछावर करने की चाह जैसे गुणों का होना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।