सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

हर दिन अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करना लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कौन सा काम महत्वपूर्ण है, कौन सा काम अनिवार्य है, कौन सा काम सामान्य है

अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह

लक्ष्यों की दिशा

लीडर्स में उच्च आत्म- गौरव और सकारात्मक आत्म-छवि होती है। वे खुद को महत्त्व देते हैं और महत्त्वपूर्ण मानते हैं। आत्म- गौरव का मतलब यह है कि आप खुद को कितना ज़्यादा पसंद करते हैं। आत्म-गौरव का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा स्व-प्रभावोत्पादकता है। यह एक भावना है कि आप सक्षम हैं, आप जो करते हैं, उसमें अच्छे हैं और लीडर के रूप में आपको जो परिणाम हासिल करने हैं, आप उन्हें हासिल करने में सक्षम हैं। आत्म-गौरव महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि आप भीतर से जैसा महसूस करते हैं, अपने बारे में आपके जैसे विश्वास और विचार होते हैं, उन्हीं से यह तय होता है कि आप बाहर कैसा प्रदर्शन करेंगे। प्रूडेंशियल बैच कैलिफ़ोर्निया रिएल्टी के पूर्व सीईओ स्टीव रॉजर्स के अनुसार, “आप अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं, उसका इस बात से पूरा-पूरा संबंध होता है कि आप अपने खुद के काम में और लोगों के मैनेजर के रूप में कैसा प्रदर्शन करते हैं।” लीडर बनने के लिए शांति, स्पष्टता, लगन और संसार को उसी तरह देखने की योग्यता ज़रूरी होती है, जैसा यह सचमुच है। अगर लीडर स्व-शंका और हीनता की भावनाओं से जूझ रहा हो, तो ये गुण और ऐसे ही कई अन्य गुण असंभव