सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

विचारों में हर समस्या को सुलझाने की कुंजी होती हैं लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कौन सा काम महत्वपूर्ण है, कौन सा काम अनिवार्य है, कौन सा काम सामान्य है

अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह

विचारों में हर समस्या को सुलझाने की कुंजी होती हैं

आम व्यक्ति अपने पूरे जीवन और कामकाज में अपने मस्तिष्क की सिर्फ एक या दो प्रतिशत क्षमता का ही इस्तेमाल कर पाता हैं, बाकी क्षमता रिज़र्व रहती है , जिसका शायद ही उसने कभी दोहन या उपयोग किया हो।  आपको अपने जीवन में चमत्कारिक परिणाम पाने के लिए कोई चमत्कार करने की जरूरत नहीं है, आपको तो बस इतना करना है कि आपको अपने भीतर मौजूद मानसिक शक्ति का वर्तमान से थोड़ा ज्यादा इस्तेमाल करें, आपके सोचने की क्षमता में यह छोटा सा सुधार आपके जीवन में गहरे परिवर्तन कर सकता है, इसकी बदौलत आगे आने वाली महीनों और सालों में आप इतना कुछ हासिल कर लेंगे, जिसे देखकर आप और बाकी लोग हैरान रह जाएंगे।  रूस के प्रोफेसर सर्जेई येफ्रमोव द्वारा कुछ साल पहले किए गए शोध के अनुसार अगर आप अपनी मौजूदा मानसिक क्षमता का सिर्फ पचास प्रतिशत उपयोग कर सकें, तो आप एक दर्जन यूनिवर्सिटीज से पीएच.डी. कर सकते हैं, आसानी से एक दर्जन भाषाएं सीख सकते हैं, और इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के पूरे बाईस वॉल्यूम कंठस्थ याद कर सकते हैं। रॉबर्ट कॉलियर के अनुसार "चीजों को उस रूप में न सोचे, जेसी वे हैं, बल्कि उस रूप में सोचें जैसी वे हो सकती ह