एक बड़ा लक्ष्य तय करे और उसे हासिल करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं, एक सपना देखो, किसी सपने के लिए प्रयासरत हुए बिना अपने उज्जवल भविष्य की रचना आपके लिए कदाचित संभव न हो। जो कुछ उपलब्धि चाहते हो सपनों के पीछे पड़ जाना मानव स्वभाव के ताने-बाने में विद्यमान है, क्योंकि आपने अब तक भविष्य के बारे में विचार प्रक्रिया प्रारंभ ही नहीं की है। यदि आप स्वयं को आदर्शविहीन पायें तो अपने खास सपने की खोज करें एवं भविष्य की रचना में जुट जायें। उस सपने को सच बनाने का प्रयास प्रारंभ करना ही आपका अगला कदम है। सर्वप्रथम, यह आवश्यक है कि आपने सपना देख लिया है, किन्तु यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप उसे साकार करने में प्रयासरत हों; सुनने में यह बात ठीक लगती है किन्तु वैसा कर पाना आसान भी नहीं है। ऐसे स्वप्नदृष्टा न बनें जिसे केवल सपनों के सच होने का इंतजार रहता है। सपनों का सच होना उस दिशा में किये गये प्रयास के आकार एवं उसके लिए आपके आग्रह का ही परिणाम है। मैं नहीं चाहता कि कोई भी अपने आदशों के बारे में सपने देखते हुए जीवन-यात्रा करे। अतः लगातार स्वयं से प्रश्न करते रहें "इस सपने को सच क...
कहा जाता है, 'समय ही धन है।' परंतु यह कहावत पूरी तरह सच नहीं है। सच तो यह है कि समय सिर्फ़ संभावित धन है। अगर आप अपने समय का सदुपयोग करते हैं, तभी आप धन कमा सकते हैं। दूसरी ओर, अगर आप अपने समय का दुरुपयोग करते हैं, तो आप धन कमाने की संभावना को गँवा देते हैं। क्या आप ठीक-ठीक जानते हैं कि आपका समय कितना क़ीमती है ? अगर नहीं, तो आप इस फ़ॉर्मूले का प्रयोग करके यह जान लें - समय का मूल्य ज्ञात करने का फार्मूला: आपके 1 घंटे का मूल्य = आपकी आमदनी/काम के घंटे अपनी आमदनी में काम के घंटों का भाग देने से आप जान जाएँगे कि आपके एक घंटे के समय का वर्तमान मूल्य क्या है। मान लें, आप हर महीने 20,000 रुपए कमाते हैं और इसके लिए आप महीने में 25 दिन 8 घंटे काम करते हैं। यानी आप कुल मिलाकर 200 घंटे काम करते हैं। इस स्थिति में आपके एक घंटे का मूल्य होगा 20,000 (आमदनी) / 200 (काम के घंटे) = 100 रुपए। इस उदाहरण में यदि आप रोज़ 1 घंटे का समय बर्बाद करते हैं, तो आपको हर दिन 100 रुपए का नुक़सान हो रहा है, यानी एक साल में 36,500 रुपए। यदि आप हर दिन दो घंटे बर्बाद करते हैं, तो इसका मतलब है कि आपको ...