मैंने कई साल पहले ऑस्ट्रेलिया के एक किशोर के साथ काम किया था। यह किशोर डॉक्टर और सर्जन बनना चाहता था, लेकिन उसके पास पैसा नहीं था; न ही उसने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। ख़र्च निकालने के लिए वह डॉक्टरों के ऑफिस साफ करता था, खिड़कियाँ धोता था और मरम्मत के छुटपुट काम करता था। उसने मुझे बताया कि हर रात जब वह सोने जाता था, तो वह दीवार पर टंगे डॉक्टर के डिप्लोमा का चित्र देखता था, जिसमें उसका नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था। वह जहाँ काम करता था, वहाँ वह डिप्लोमाओं को साफ करता और चमकाता था, इसलिए उसे मन में डिप्लोमा की तस्वीर देखना या उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं था। मैं नहीं जानता कि उसने इस तस्वीर को देखना कितने समय तक जारी रखा, लेकिन उसने यह कुछ महीनों तक किया होगा। जब वह लगन से जुटा रहा, तो परिणाम मिले। एक डॉक्टर इस लड़के को बहुत पसंद करने लगा। उस डॉक्टर ने उसे औज़ारों को कीटाणुरहित करने, इंजेक्शन लगाने और प्राथमिक चिकित्सा के दूसरे कामों की कला का प्रशिक्षण दिया। वह किशोर उस डॉक्टर के ऑफिस में तकनीकी सहयोगी बन गया। डॉक्टर ने उसे अपने खर्च पर हाई स्कूल और बाद में कॉलेज भी भेजा। आज
अपने बूते लखपति बने लोगों में जो पहली बात मैंने देखी वह यह थी, कि वो हर काम सामान्य व्यक्ति से अलग तरीके से करते थे, उनका मानना था कि जिस तरह बहुत सारे लोग कहीं जा रहे हैं, और उनके साथ आप भी चल रहे होते हैं, तो जहां वे लोग पहुंचेंगे, वहां आप भी पहुंचेंगे, अगर आपने अपना रास्ता उनसे अलग बनाया है, तो आप वहां पहुंचेंगे जहां आपका लक्ष्य होता है।
आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो पाता हूं, कि यह कोई चमत्कार नहीं था, मैंने बस यह किया कि मुझसे पहले के कामयाब लोगों ने जो किया, उसे सीखा और फिर जब तक परिणाम नहीं मिल गए उसे करता रहा।
जोश बिलिंग्स ने एक बार कहा था "आदमी को जो पता है, उससे उतना नुकसान नहीं होता, जितना कि इस बात से कि उसे जो पता है, वह गलत है।"
आपको इस तरह से सोचना होगा, जैसा कि आपने पहले कभी भी नहीं सोचा होगा, उस बात को हासिल करने के लिए जो आपने पहले कभी भी हासिल नहीं की है।
फोब्स 400, अमेरिका के सबसे रईस 400 लोगों के एक सर्वेक्षण के अनुसार, विश्वविद्यालयों के स्नातको की तुलना में हाईस्कूल में ही पढ़ाई छोड़ देने वालों की संपत्ति, औसतन 300 मिलियन डॉलर अधिक थी।
अमेरिका में शुरुआत करके सबसे ज्यादा संपत्ति हासिल करने वाले कामयाब अप्रवासी कारोबारियों में रूसी सबसे ऊपर है, इसकी वजह है कि रूस के लोग एक बिल्कुल ही अलग किस्म के तंत्र से आते हैं, जहां कामयाब होना बहुत ही मुश्किल है, इसलिए जब वे अमेरिका को मौकों का देश समझकर यहां आते हैं, तो पाते हैं, कि यहां पर कामयाब होना, उनके देश के लिहाज से ज्यादा आसान है।
रूसी लोग यहां एक के बाद एक कारोबार खोलते हैं, और औसत अमेरिकी की तुलना में ज्यादा कामयाबी हासिल करते हैं, क्योंकि अमेरिकी यह सोचते हैं, कि ऐसा करना संभव नहीं है, जबकि रूसियों को लगता है, कि वे कामयाब हो सकते हैं, वे अपने सपनों को सच कर लेते हैं, उनकी धारणाएं ही उनके लिए हकीकत बन जाती है।
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