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कौन सा काम महत्वपूर्ण है, कौन सा काम अनिवार्य है, कौन सा काम सामान्य है

अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह

कामयाबी कैसे हासिल करें ?

लेखक आर्थर गार्डन ने आईबीएम के संस्थापक थॉमस जे वॉटसन से एक बार पूछा कि लेखक के तौर पर जल्दी से कामयाब होने के लिए उन्हें क्या करना होगा ? अमेरिकी कारोबारी जगत के धुरंधर वॉटसन ने इस सवाल का जवाब इन शब्दों में दिया, "अगर आप तेजी के साथ कामयाब होना चाहते हैं, तो आपको अपनी नाकामयाब होने की दर को भी दुगना करना होगा, दरअसल कामयाबी तो नाकामयाबी के दूसरे सिरे पर रहती हैं। 

हकीकत यह है कि आप जितने ज्यादा नाकाम होंगे, संभावना यही है कि कामयाबी आपके उतने ही करीब होगी, आपकी नाकामयाबियों ने आपको कामयाबी हासिल करने के लिए तैयार कर दिया है, इसलिए अक्सर देखने को तो मिलता है कि नाकामयाबियो की झड़ी के बाद कामयाबियो की झड़ी लग जाती है। 

यही वजह है कि जब कभी भी कुछ समझ ना पड़े तो "नाकामयाबी की दर को दुगना कर दें" आप जितनी नई नई बातों को करने की कोशिश करेंगे, आपके विजय होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाएगी, किसी भी डर पर काबू पाने के लिए आपको उसी काम को करना चाहिए जिसमें डर लग रहा हो, तब तक जब तक, कि आप पर डर का कोई प्रभाव न बचे।

आपका बाहरी व्यवहार ठीक वैसा ही होता है जैसा आप भीतर से महसूस करते हैं, यही वजह है कि आपकी जिंदगी में तमाम सुधारों का आगाज आपकी खुद के बारे में सोच में सुधार के साथ ही होता है।

अपने बारे में आपके पास बहुत सी "छोटी मोटी सोच" भी होती है ये छोटी मोटी निजी अवधारणा ही आपकी पूरी निजी छवि तैयार करती हैं, जीवन के हर क्षेत्र के लिए आपकी एक निजी सोच होती हैं, जिसे आप महत्वपूर्ण समझते हैं, यही छोटी-मोटी सोच इस बात को तय करती हैं कि आप किस तरह सोचते हैं, महसूस करते हैं और उस क्षेत्र विशेष में कैसा प्रदर्शन करते हैं।

आपकी अपनी निजी सोच से आप कभी भी बहुत ज्यादा या कम कमा ही नहीं सकते, अगर आप ज्यादा कमाना ही चाहते हैं तो आपको अपनी आय और कमाने के बारे में निजी सोच को बदलना ही होगा। 

कल्पना कीजिए कि आप आज जितना भी कमाते हैं उससे दुगना कमा रहे हैं, आप ज्यादा बड़े घर में रह रहे हैं बेहतर कार चला रहे हैं, और ज्यादा रईसी भरी जीवनशैली जी रहे हैं, आपमें अपने क्षेत्र की शीर्ष हस्तियों में जगह बनाने की योग्यता है, आप अपनी सामाजिक और कारोबार की दुनिया की सबसे लोकप्रिय, शक्तिशाली और प्रभावी हस्तियों में से एक हैं, आप शांत और आत्मविश्वास से भरपूर हैं, और किसी भी संकट से नहीं घबराते, आप अपने दिमाग में तय हर लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं, यही वह तरीका है जिससे आप अपनी सोच और अपनी जिंदगी को बदलने की शुरुआत करते हैं।

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