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कौन सा काम महत्वपूर्ण है, कौन सा काम अनिवार्य है, कौन सा काम सामान्य है

अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह

मौत के बाद क्या पुनर्जन्म होता हैं

व्यक्ति की मृत्यु के बाद ऐसा क्या होता है, कि उसका पुनर्जन्म होता है, और पुनर्जन्म किस यानी में होता है, उसको स्वयं को ही मालूम नहीं होता है, केवल उसका यह आत्मबोध होता है, जिसे वह प्रकाश पुंज में लगाता है, अगर आप प्रकाश पुंज के बारे में जानना चाहते हैं, तो इससे पूर्व जो लेख प्रकाशित किया गया है, "मौत के बाद का सच" उसमें आप जान सकेंगे, कि प्रकाश पुंज क्या है।

प्रकाश पुंज एक अदृश्य शक्ति है, जिसे आप ना तो महसूस कर सकते हैं, और ना ही आप उसे देख सकते हैं, यह वह शक्ति है, जिसमें सभी आत्माओं को शांति मिलती है, एक बार जब कोई आत्मा उसमें समा जाती है, तो उसका पुनर्जन्म नहीं होता है।

एक बार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो मृत्यु होने के बाद उसकी आत्मा शांति की राह में चलती है, और आत्मा चाहती है, कि मुझे इस ब्रह्मांड की शक्ति से जिसमें अरबों खरबों आत्माएं विचरण करती हुई नजर आती है, लेकिन वह चाहता है, कि मेरी आत्मा को शांति मिले, वह शांति की राह पर चल देती है, इस पूरे ब्रह्मांड में आत्मा द्वारा विचरण करने के बाद भी उसे शांति का द्वार नजर नहीं आता है।

ऐसा क्या है, कि उसे पूरे ब्रह्मांड में विचरण करने के बाद भी वह शांति का द्वार नजर नहीं आता है, आखिर उसे क्यों नजर नहीं आता, इसलिए नजर नहीं आता है, क्योंकि इस ब्रह्मांड में कहीं भी ऐसा शांति का द्वार नहीं है, जहां आपको शांति मिल सके। 

आत्मा के अंदर ही वह शांति का द्वार छिपा रहता है, इसे आपको जागृत करना होता है, और जब आप उस आत्मा के शांति के द्वार को खोजते हैं, तो इस प्रक्रिया में आपकी आत्मा को आपकी विरलता के अनुकूल समय लगता है, यह समय हजारों लाखों वर्ष भी हो सकता। 

जिसके फलस्वरूप उस प्रक्रिया में आपकी आत्मा जिस तरलता से प्रवेश करती हुई आपको नजर आती है, तभी आपको महसूस होगा, कि आपकी आत्मा शून्य की और प्रवेश करती हुई नजर आती है, यही प्रक्रिया आपको प्रकाश पुंज की ओर ले जाती है, और आप कब प्रकाश पुंज में विलीन होंगे, आपको स्वयं कोई मालूम नहीं होगा और प्रकाश कुंज में मिलते ही आपका पुनर्जन्म से नाता हमेशा के लिए टूट जाएगा और आप शांति में विलीन हो जाते हैं।

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