अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह
आपने अपने लिए जो भी लक्ष्य तय किए हैं आपमें उसे हासिल करने की जन्मजात योग्यता है आप क्या बनना,पाना और करना चाहते हैं यह सिर्फ आप ही तय कर सकते हैं।
वे गतिविधियां जो आपको जिंदगी में सार्थकता और उद्देश्यों का सबसे ज्यादा एहसास दिलाती हैं अपने व्यक्तिगत और कार्य जीवन को देखें और पहचाने कि आपकी सोच किस तरह आपके संसार को बनाती हैं।
आपको क्या बदलना चाहिए और आप क्या बदल सकते हैं आप ज्यादातर वक्त किस के बारे में सोचते और बातें करते हैं उन मनचाही चीजों के बारे में या उन अनचाही चीजों के बारे में यह सब आपको तय करना है।
आप अपने सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल करने के लिए क्या कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं यह सिर्फ केवल आप ही तय कर सकते हैं जब आप अपनी संभावनाओं को समझ लेंगे तो आप जीवन में वह सब कुछ हासिल कर पाएंगे जो आपने जीवन में तय किया है।
संभावनाएं जीवन के वे विचार होते हैं जो आपके दिमाग में उत्पन्न होते हैं जिन्हें आप प्राप्त करना चाहते हैं या हासिल करना चाहते हैं जो आप के जीवन से जुड़े होते हैं जो आपमें संभावनाओं के द्वारा आपमें एक विचार के रूप में आते हैं और आप उन्हें हासिल करने की योजनाएं बनाते हैं।
अगर मेरी जिंदगी में किसी चीज को बदलना था तो यह मुझ पर ही निर्भर करता है अगर मैं इसे नहीं बदललूंगा तो कोई भी नहीं बदलेगा इसके लिए मैं ही जिम्मेदार था।
जब आप अपनी जिंदगी की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार कर लेते हैं तो आप बचपन छोड़कर व्यस्क बनने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा लेते हैं दुखद बात यह है कि ज्यादातर लोग यह काम कभी नहीं कर पाते।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।