अक्सर हमारी दिनचर्या इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते हैं और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे-छोटे कामों को निबटाने में ही चला जाता है। हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में न गँवाएँ। इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें। समय के संबंध में अपनी प्राथमिकताएँ तय करने का एक उदाहरण देखें। 'एक मशहूर संगीतज्ञ जब वायलिन बजाना सीख रही थीं, तो उन्होंने पाया कि उनकी प्रगति संतोषजनक नहीं है। कारण खोजने पर उन्हें पता चला कि संगीत का अभ्यास करने से पहले घर साफ़ करने, सामान व्यवस्थित करने, खाना पकाने आदि कार्यों में उनका बहुत समय लग जाता है, इसलिए उन्हें वायलिन के अभ्यास के लिए कम समय मिल पाता ह
एक दिन मैंने एक कागज़ उठाया और उस पर अपने लिए बिल्कुल असंभव नजर आने वाला लक्ष्य लिख दिया यह लक्ष्य था ऑफिस और घर-घर जाकर सामान बेचना और हर महीने ₹1000 कमाना मैंने उस कागज को मोड़कर दूर रख दिया और फिर वह मुझे दोबारा कभी नहीं दिखा।
लेकिन 30 दिन बाद मेरी पूरी जिंदगी बदल गई इस दौरान मैंने सामान बेचने की एक ऐसी तकनीक खोजी जिसे आजमाने की पहले ही दिन मेरी आमदनी तीन गुनी हो गई इस दौरान मेरी कंपनी के मालिक ने एक उद्यमी को कंपनी बेच दी जो शहर में नया आया था अपना लक्ष्य लिखने के ठीक 30 दिन बाद नए मालिक ने मुझे ₹1000 प्रति माह देने का प्रस्ताव रखा ताकि मैं सेल्स कर्मचारियों का प्रमुख बन जाऊं और बाकी सेल्स कर्मचारियों को भी सामान बेचने के वे गुर सिखा सकूं जिनकी बदौलत में बाकी सबसे ज्यादा सामान बेच रहा था मैंने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और उस दिन के बाद मेरी जिंदगी पहले जैसी नहीं रही।
18 महीनों के भीतर मैं वह काम छोड़कर दूसरा ज्यादा बड़ा काम करने लगा इसके बाद तीसरा काम मैं सेल्समैन से सेल्स मैनेजर बन गया और मेरे अधीनस्थों की संख्या बढ़ गई मैंने 95 लोगों की सेल्स टीम नियुक्त की और उसे सफलता के गुर सिखाए पहले मुझे रोजाना यह चिंता हुआ करती थी कि आगे खाना मिलेगा या नहीं लेकिन अब मेरी जेब ₹20 के नोटों से भरी हुई रहती थी
मैं अपने सेल्स कर्मचारियों को सिखाने लगा कि वह अपने लक्ष्य कैसे लिखे और ज्यादा असरदार ढंग से सामान कैसे बेचे बहुत ही कम समय में उनकी आमदनी भी कई गुना हो गई दरअसल उनमें से कईयों की आमदनी 10 गुना बढ़ गई आज उनमें से कई करोड़पति और कुछ तो बहुत करोड़पति हैं।
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जब आप अपनी सोच को बदलते हैं तो आप अपनी जिंदगी को भी बदल देते हैं।