एक बड़ा लक्ष्य तय करे और उसे हासिल करने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं, एक सपना देखो, किसी सपने के लिए प्रयासरत हुए बिना अपने उज्जवल भविष्य की रचना आपके लिए कदाचित संभव न हो। जो कुछ उपलब्धि चाहते हो सपनों के पीछे पड़ जाना मानव स्वभाव के ताने-बाने में विद्यमान है, क्योंकि आपने अब तक भविष्य के बारे में विचार प्रक्रिया प्रारंभ ही नहीं की है। यदि आप स्वयं को आदर्शविहीन पायें तो अपने खास सपने की खोज करें एवं भविष्य की रचना में जुट जायें। उस सपने को सच बनाने का प्रयास प्रारंभ करना ही आपका अगला कदम है। सर्वप्रथम, यह आवश्यक है कि आपने सपना देख लिया है, किन्तु यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप उसे साकार करने में प्रयासरत हों; सुनने में यह बात ठीक लगती है किन्तु वैसा कर पाना आसान भी नहीं है। ऐसे स्वप्नदृष्टा न बनें जिसे केवल सपनों के सच होने का इंतजार रहता है। सपनों का सच होना उस दिशा में किये गये प्रयास के आकार एवं उसके लिए आपके आग्रह का ही परिणाम है। मैं नहीं चाहता कि कोई भी अपने आदशों के बारे में सपने देखते हुए जीवन-यात्रा करे। अतः लगातार स्वयं से प्रश्न करते रहें "इस सपने को सच क...
हमारा अस्तित्व इस पृथ्वी के सिवाय और भी जगह हैं लेकिन उसका प्रमाण अभी हमारे पास उपलब्ध नहीं है लेकिन गुरुत्वाकर्षण शक्ति जो पूरे ब्रह्मांड को बांधे रखती है वह इसका प्रमाण है कि इस ब्रह्मांड में और भी हमारी पृथ्वी जैसे स्थान मौजूद होंगे लेकिन वह स्थान हमारे दिमाग से परे है।
जब हम रात को सोते हैं तो हमारे दिमाग को हम साइलेंट मोड पर लाकर छोड़ते हैं वैसा ही सुबह जब हम जागते हैं तो हमारा दिमाग हमें साइलेंट मोड पर ही मिलता है जो एकदम तरोताजा होता है जिसके फलस्वरूप हम अच्छा महसूस करते हैं।
उसी प्रकार अगर हम रात को सोते समय हम हमारे दिमाग को कोई ऐसी प्रॉब्लम जिसका हल हमें नहीं मिल रहा है उस प्रॉब्लम को हम सोते समय उसका हल ढूंढते हुए सोते हैं तो निश्चित ही संभावनाएं बनती है कि सुबह उठते समय हमें उस प्रॉब्लम का हल मिल जाए जिसको हमने सोते समय याद किया था निश्चित रूप से उस समस्या का हल आपका दिमाग ढूंढने में सक्षम होता है और आपको उस समस्या से निजात दिलाता है।
यह सब कैसे होता है इसके बारे में आज तक पता नहीं लग पाया है कि व्यक्ति सोते समय भी जागृत कैसे रहता है जो उसके शरीर को नियंत्रण करने की क्षमता रखता है जैसे व्यक्ति सो नहीं रहा हो इसके बारे में बहुत सी किताबों में लिखा हुआ है कि व्यक्ति के सोने के बाद उसका अवचेतन मस्तिष्क जो उसके शरीर को नियंत्रण करने का कार्य करता है जब अवचेतन मस्तिष्क सोने के बाद भी जागृत रहता है तो यह माना जा सकता है कि अवचेतन मस्तिष्क की क्षमता व्यक्ति के सोने के बाद कई गुना बढ़ जाती है जिससे उसके दिमाग में सेटेलाइट की तरह ऐसी तरंगे उत्पन्न हो जाती है जो व्यक्ति को इस पृथ्वी के सिवाय इस ब्रह्मांड में विद्यमान अन्य चीजों का ज्ञान कराती है।
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